कलेक्टर / कमिश्नर की उदासीनता के चलते,मध्यप्रदेश सरकार की काल नंबर 181 पर ,नहीं हो रही हैं समय पर सुनवाई
मध्य प्रदेश की सुलभ सेवा के लिए प्रारंभ की गई काल 181सांसें तोड़ रही हैं ,।
कारण, भ्रष्टाचार का लगता है ,इस काल नंबर पर भी अपना फन फैला रखा हुआ है।
काल 181के द्वारा सुलभ सेवा, सुविधा,न्याय पाने के लिए पीड़ित पक्ष ने इस नंबर से आस लगाये अपनी अर्जियां लगा रखीं हैं,। किन्तु महिनों बितने के बाद भी यह सेवा ढाक के तीन पात ही साबित हो रही है।
उज्जैन जिले में हाल बे हाल अधिक हैं
यही हाल कलेक्टर जनसुनवाई के भी हो रहें हैं
साल साल भर से लंबित कलेक्टर जनसुनवाई में लगाये गये आवेदन भी संबंधित विभाग दबाएं बैठे हैं ।कोरोना का बहाना ओर अपना बचाव*कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ के स्थानांतरण के कारण कंई जनसुनवाई दम तोड़ रही हैं धूल खाकर।
कलेक्टर / कमिश्नर को इस ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
जनपद स्तर पर ऐसे अधिकारी पदस्थ हैं, जिन्हें नितीगत निर्णय लेने में भी डर लग रहा है- कलेक्टर जनसुनवाई में आये हुए / 181 / एवं अन्य कंई प्रकरण जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी के माध्यम से निर्णय होने के लिए ,जनपद पंचायतों में गए हुए, प्रकरण सालभर से जनपदों में निर्णय होने के लिए लंबित पड़े हुए हैं , जिनकी कोई सुध लेने वाला नहीं हैं । , वजह,जनपदों में पदस्थ अधिकारी नितीगत निर्णय लेने में असमर्थ हैं ,और वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन लेने में स्वयं की तौहीन भी समझते हैं वहीं ऐच्छीक प्रतिफल की भरपाई नहीं होना भी कारण है। वरिष्ठ अधिकारियों को ध्यान नहीं हैं, कनिष्ठ अधिकारीयों से क्या जानकारी कितनी अवधि में अपेक्षित की गई थी , ओर संबंधित अधिकारी ने अपेक्षित जानकारियां महिनों बाद भी क्यू नही भेजी है । वजह कलेक्टर ओर जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी के स्थानांतरण । परेशान हो रहे हैं सालों से न्याय पाने वाले।
कलेक्टर / कमिश्नर को चाहिएं कि , ऐसे आलसी और डरपोक अधिकारी को जिले में संयोजित करते हुए, इनके विरुद्ध विभागीय जांच बिठाकर , यह भी पुछना चाहिए की इतने दिनों तक प्रकरण लंबित रखने की वजह क्या रही है? अर्थ प्रलोभन रहा हैं या परेशान लोगों को ओर परेशान करना है या स्वयं नितीगत निर्णय लेने में अ समर्थत हैं ?
प्रभारी मंत्री पता नहीं क्यूं ऐसे मामलों की समीक्षा नहीं कर रहे हैं ? मध्यप्रदेश सरकार के प्रभारी मंत्री को चाहिए की, जिले में होने वाली समीक्षा बैठक में काल 181कलेक्टर जनसुनवाई ओर समस्त अधिकारी कर्मचारी के लंबित प्रकरणों की भी समीक्षा करना चाहिए ,ताकि परेशान व्यक्ति अधिकारियों की उंगली की कठपुतली बनकर ही न रह सकें।