ग्राम पंचायत निपानिया डाबी के सरपंच का एक और कारनामा, शासकीय संपत्ति पर किया कब्जा, सुविधा होने के बाद भी दुविधा से जूझ रहे ग्रामीण-


 


निहारिका वाणी का एक ही काम बेईमानों की नींद हराम


 


सरपंच की धांधली से ग्रामीण भी हो रहे परेशान, पंचायत की सामग्री का सरपंच के घर में हो रहा उपयोग


 


शाजापुर। गौशाला निर्माण की सामग्री हड़पने वाले ग्राम पंचायत निपानिया डाबी के प्रधान केवल शासन के लिए ही नहीं बल्कि ग्रामीणों के लिए भी मुसीबत बना हुआ है। यहां शासन ने लाखों खर्च कर ग्रामीणों के लिए जो सुविधाएं मुहैया कराने का सपना देखा था वह प्रधान के घर रोशन हो रहा है। शासन की मंशा है कि गांव-गांव भी डीजिटल इंडिया से जुड़े और यहां सामग्री भी पहुंचाई जो इन दिनों सरपंच के घर उपयोग हो रही है जिसकी जानकारी ग्रामीणों को भी नहीं है जो आज भी पुराने ढर्रे पर ही अपना जीवन जी रहे हैं।


ग्राम पंचायत निपानिया डाबी को भी ई-पंचायत का दर्जा देने के लिए गत दिनों शासन द्वारा एलईडी, पंखा, कम्प्यूटर, इंटरनेट कनेक्शन सहित अन्य सुविधाएं दी थी ताकि काम समय सीमा में और बेहतर तरीके से हो सके। लेकिन शायद प्रधान की मंशा खुद का विकास करना है। पंचायत का विकास या ग्रामीणों के विकास से उन्हें कोई लेना देना नहीं है। यही वजह है कि यहां तक अभी तक कम्प्यूटर सेट नहीं लगे हैं जबकि सारी सुविधाएं शासन द्वारा मुहैया कराई गई हैं जिनका लाभ प्रधान अपने घर पर उठा रहा है और ग्रामीण छोटे-छोटे कामों के लिए इनके चक्कर लगा रहे हैं क्योंकि समय पर न पंचायत खुलती है ताकि ग्रामीणों को कोई जानकारी या किसी योजना का लाभ मिल सके और मजबूरन ग्रामीणों को पैसा खर्च जिला मुख्यालय तक आकर वरिष्ठ अधिकारियों को अपनी परेशानी बयां करना पड़ रही है।


शासकीय ट्यूबवेल पर भी किया अवैध कब्जा


धारा 92 के तहत ग्राम पंचायत निपानिया डाबी के सरपंच को नोटिस जारी किया गया है क्योंकि इन्होंने गौशाला के लिए आई निर्माण सामग्री को अपने रिश्तेदारों को बाले-बाले बेच दी थी। यह पहला मामला नहीं है बल्कि शासकीय संपत्ति पर कब्जा करने की इनकी पुरानी आदत है। इसी के चलते इन्होंने शासकीय ट्यूबवेल पर भी अवैध कब्जा कर रखा है, जिसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है और इनके घर गंगा-जमुना बह रही है। इधर ग्रामीण पानी के लिए परेशान होते रहते हैं, जिनका आधे से ज्यादा समय पानी की जुगाड़ में बीत रहा है। यही नहीं बुमतलाई स्व सहायता समूह भी प्रधान के पुत्र की बहू संचालित कर रही है जिसके माध्यम से मध्याह्न भोजन एवं उचित मूल्य की दुकानों पर भी इन्होंने एकाधिकार जमा रखा है जो पद का दुरुपयोग है। इनकी धांधली और कारगुजारियों के चलते ही शासन द्वारा इन्हें नोटिस जारी किया गया था।


शासकीय भूमि पर बने रिश्तेदारो के मकान


शासन की संपत्ति पर नजर लगाकर उस पर अवैध कब्जा करना भी इनकी पहचान है। जिन्हें न शासन का खौफ है और न ही कानून का डर। इन्होंने केवल अपना ही नहीं बल्कि अपने खास रिश्तेदारों के विकास के लिए भी खुद लूट-खसोट की काबिलियत साबित की है। इनके द्वारा शासकीय भूमि पर अपने रिश्तेदारों के मकान का निर्माण किया गया। इसकी शिकायत भी शासन तक कई ग्रामीणों ने लिखित में की है। लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। शायद शासन भी इनकी दादागिरी के आगे नतमस्तक है।


 


इनका कहना है...


 



 


ग्राम पंचायत निपानिया डाबी के प्रधान द्वारा ई-पंचायत के लिए आई सामग्री का निजी उपयोग किए जाने की शिकायत मिली है। साथ ही शासकीय भूमि पर कब्जा कर अपने रिश्तेदारों का भवन निर्माण कराने, शासकीय ट्यूबवेल का निजी उपयोग किए जाने की शिकायत मिली है। पहले भी इन्हे मप्र पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत कार्यवाही के लिए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को मामला प्रस्तुत किया था। इस मामले को लेकर भी जल्द ही अधिकारियों के निर्देशानुसार ग्राम पंचायत निपानिया डाबी के प्रधान के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।


 


मनीष भारद्वाज, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत- शाजापुर


 


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