भ्रष्टाचार करने वालों के बचाव में उतरा जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि - पंचायतों के भ्रष्टाचार की पोल खोलने वालों पर टिप्पणी से पत्रकार हुए नाराज
भ्रष्टाचार करने वालों के बचाव में उतरा जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिध
शाजापुर। कहते हैं कि सत्ता के नशे से बड़ा दूसरा कोई नशा नहीं होता। लेकिन जब सत्ता के नशे में अंधा होकर आदमी सही-गलत का अंतर भूलने लग जाता है तो फिर उसे अपनी गलती का खामियाजा भी भूगतना ही पड़ता है।
🔷इन दिनों एक नेताजी के साथ कुछ एसा ही हो रहा है जो अपनी नेतागिरी के जोश में होश खोकर गलत जगह टिप्पणी करके अनचाहा बवाल अपने माथे पर ले बैठे हैं।
हम बात कर रहे हैं शाजापुर जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि की।
🔷 जिन्होंने ग्राम पंचायतों में हो रहे भारी भ्रष्टाचार को लेकर प्रमुख अखबारों द्वारा दमदारी से छापी जा रही खबरों की बौखलाहट में एक जिम्मेदार पत्रकार के लिए अभद्र टिप्पणी करके पूरे पत्रकारिता खेमे को अपने विरोध में खड़ा कर लिया है।
🔷 हूआ यूं कि प्रशासन द्वारा की गई जांच कार्रवाई के तहत भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए सरपंचो के कारनामों की खबरों के बचाव में नेताजी ने वाट्सअप के एक मीडिया ग्रूप पर अखबार की कटिंग के साथ एक पोस्ट भी डाल दी।
🔷 जिसमें उन्होंने अपनी लाल बुझक्कड़ वाली सोच को प्रदर्शित करते हुए भ्रष्टाचारियों का पक्ष लेते हुए मीडिया घराने को ही ज्ञान बांटना शुरू कर दिया।
🔷 हांलाकि नेताजी की इस हिमाकत पर ग्रूप में जुड़े वास्तविक पत्रकारों ने तत्काल तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्हें अपने तरीके से सही-गलत का अंतर भलीभांति समझा दिया।
🔷 वहीं इसके बाद ना केवल उन्हें तत्काल ग्रूप से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया बल्कि उनके सर से सत्ता का भूत पूरी तरह उतारने की तैयारी भी कर ली।
🔷 भ्रष्टाचारियों का पक्षधर बनकर उनके काले कारनामों को समर्थन देने वाले नेताजी के कार्यकाल में शाजापुर जिला पंचायत के क्या हाल हुए हैं ये जग-जाहिर है ओर जो काले चिठ्ठे फाइलों में दबे हैं वो भी अब जल्दी उजागर होना तय है।
🔷 क्योंकि टिप्पणी करते वक्त सफेदपोश नेताजी शायद ये भूल गए कि जिनके खुद के घर शीशे के हों वे दूसरों के घरों पर पर्दे टांगने का ठेका नहीं लिया करते।