नाै दिन नए रूप में दर्शन देंगे बाबा महाकाल, 20 फरवरी को शिव तांडव रूप आएंगे नजर
उज्जैन. गुरुवार से महाशिव नवरात्रि की शुरू हाे हाे गई। भगवान महाकालेश्वर नाै दिन तक नए रूपाें में दर्शन देंगे। पहले दिन गुरुवार को चंदन का श्रृंगार हुआ। वहीं शुक्रवार काे शेषनाग शृंगार होगा। महाकालेश्वर मंदिर समिति ने 13 से 21 फरवरी तक के अलग-अगल रूपाें के शृंगार की व्यवस्था कर ली है। 11 में से केवल महाशिवरात्रि वाले दिन 21 फरवरी काे वस्त्र-आभूषण की बजाय जलधारा से शृंगार रहेगा।
वर्षभर में कुल 12 शिवरात्रियां होती हैं। उसमें फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की रात्रि महाशिवरात्रि के नाम से प्रसिद्ध है। संहार शक्ति व तमोगुण के अधिष्ठाता शिव की रात्रि महाशिवरात्रि शिव आराधना की सर्वश्रेष्ठ रात्रि है। इस बार शिवरात्रि पर त्रयोदशी के साथ चतुर्दशी का संयोग चारों प्रहर की पूजा को कुछ खास बना रहा है। इसी महारात्रि में जीवन रूपी चंद्र का शिव रूपी सूर्य से सम्मिलन होगा। यही महाशिवरात्रि का महत्व है क्योंकि चतुर्दशी के स्वामी स्वयं शिव हैं। शिव नवरात्र के पहले दिन कोटेश्वर महादेव के पूजन के बाद भगवान महाकालेश्वर का पूजन-अभिषेक किया गया।
शेषनाग का शृंगार कल
- 13 फरवरी को वस्त्र एवं चंदन
- 14 फरवरी को शेषनाग
- 15 फरवरी को घटाटाेप
- 16 फरवरी को छबीना
- 17 फरवरी को हाेल्कर
- 18 फरवरी को मनमहेश
- 19 फरवरी को उमा-महेश
- 20 फरवरी को शिव तांडव
- 21 फरवरी को महाशिवरात्रि